आज का विद्यार्थी
( इस कविता में आज के विद्यार्थी के सपनों को पूरा करने तथा उनकी परेशानियों को दूर करने की प्रेरणा दी गई है।) छोटी सी उमर में ही बस्ते का बोझ उठाकर उज्ज्वल भविष्य का सपना आंखों में सजाकर कई अनकही बातों को अपने डर तले छुपा कर विद्यालय में पढ़कर अपने ज्ञान को बढ़ाने देखो चला विद्यालय आज का विद्यार्थी। अपने माता-पिता के आंखों का तारा आने वाले उज्ज्वल भविष्य का उजियारा शिक्षकों की आंखों का चमकता सितारा सबकी उम्मीदों को पूरा करने देखो चला आज का विद्यार्थी। न जाने इसको, इसके योग्य विद्यालय मिलेगा कि नहीं? न जाने इसके प्रश्नों को कोई शिक्षक सुनेगा कि नहीं ? न जाने इसको, इसका लक्ष्य मिलेगा कि नहीं? न जाने संघर्षशील, आदर्श विद्यार्...