बच्चों के लिए योग
(इस आर्टिकल में बच्चों के लिए आवश्यक योग, व्यायाम के महत्व एवं योग एवं प्राणायाम के कुछ नियमों के बारे में जानकारी दी गई है, वीडियो एवं चित्र की सहायता से इसे समझाया गया है।)
बच्चों के लिए योग
बच्चे देश का भविष्य हैं, उन्हें तन- मन से स्वस्थ एवं मजबूत होना चाहिए। तन और मन को स्वस्थ रखने में संतुलित आहार के साथ खेल-कूद, योग, प्राणायाम, व्यायाम तथा विभिन्न प्रकार की प्रतिस्पर्धात्मक गतिविधियां सहायक होती हैं।
योग एवं प्राणायाम तन और मन दोनों को स्वस्थ रखने में विशेष रुप से सहायक होते हैं। इन्हें अच्छी तरह सीखकर नियमित इनका अभ्यास करने से बच्चे निश्चित ही स्वस्थ एवं मेधावी बनते हैं।
बच्चों के लिए योग का महत्व?
आजकल बच्चे अधिकतर सिर्फ घरों में ही रहते हैं , बाहर खेलने नहीं जा पाते इसके अनेक कारण हो सकते हैं , लेकिन यह बच्चों के विकास के लिए बाधक है ।
योग एवं प्राणायाम करने से घर में रहकर भी बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास बिना किसी बाधा के होता रहता है। स्फूर्ति बनी रहती है। स्मरण शक्ति भी बढ़ती है। इस प्रकार चुस्त शरीर एवं प्रखर स्मरण शक्ति के साथ बच्चे मेधावी होते हैं तथा जीवन की चुनौतियों को स्वीकार करने योग्य बनते हैं।
आजकल अनेक कारणों से बच्चों में कई रोग उत्पन्न हो रहे हैं, नियमित योगाभ्यास करने से इस प्रकार के रोगों से भी बचा जा सकता है।
योग क्या है?
योग शब्द का अर्थ है 'जोड़ना'। यह एक प्रकार से योगासन का अभ्यास है, जिसे करने से तन और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं तथा उन में तालमेल बना रहता है।
बच्चों के लिए आवश्यक योगासन एवं व्यायाम
नीचे चित्र में कुछ व्यायामों के चित्र दिए गए हैं, इसके अतिरिक्त दंड - बैठक आदि अपने शरीर के सामर्थ्य के अनुसार करना चाहिए।
किसी भी चीज में अति हानिकारक है, अतः जितनी शरीर की क्षमता है, उसी के अनुसार व्यायाम करना चाहिए।
किसी भी प्रकार का व्यायाम भोजन के तुरंत बाद नहीं करना चाहिए इससे पाचन शक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। संभव हो तो खाली पेट ही करना चाहिए।
व्यायाम एवं योग करने के सामान्य नियम
- सुबह की हवा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है, इसलिए सुबह जल्दी उठना ज़रूरी है, इसके लिए रात को जल्दी सोना भी जरूरी है।
- सुबह जल्दी उठकर शौच आदि से निवृत्त होकर ही किसी भी प्रकार का योगासन एवं व्यायाम करना चाहिए।
- योगासन का अभ्यास करने के लिए ढीले-ढाले, आरामदायक कपड़े पहने चाहिए।
- सबसे पहले शरीर को गर्म (warm up) करने के लिए पहले थोड़ा सा व्यायाम करना चाहिए, उसके बाद योगासन सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम करना चाहिए। यह सब करने के बाद अंत में शरीर को आराम देने के लिए शवासन अवश्य करना चाहिए।
बच्चों के उपयोगी व्यायाम एवं कुछ आसनों की वीडियो नीचे दी गई है-
सूर्य नमस्कार
सूर्य सभी वनस्पतियों एवं प्राणियों के लिए ऊर्जा का स्रोत है। सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार करने से शरीर के लिए आवश्यक सभी प्रकार के व्यायाम हो जाते हैं। साथ ही सूर्य की ऊर्जा तथा पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी भी मिल जाता है, जो हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक होता है।
सूर्य नमस्कार में कुल 12 आसन होते हैं, जिन्हें नीचे वीडियो में दर्शाया गया है।
शुरुआत में थोड़ी परेशानी होती है, लेकिन कुछ दिन के अभ्यास के बाद इसे अच्छी तरह किया जा सकता है।
प्राणायाम
जो वायु हम श्वास के रूप में ग्रहण करते हैं, उसे प्राण भी कहा जाता है। श्वसन की क्रिया के कारण ही हम जीवित हैं। इन श्वसन की क्रिया को नियंत्रण के साथ कुछ विधियों का पालन संपन्न करना ही प्राणायाम है।
प्राणायाम से लाभ
- प्राणायाम से तनाव कम होता है।
- एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
- तन और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं।
- अनेक प्रकार के रोगों से रक्षा होती है।
- पढ़ाई में मन लगता है।
नीचे वीडियो के साथ बच्चों के लिए आवश्यक कुछ प्राणायाम दिए गए हैं, जिनका नियमित रूप से अभ्यास करने पर लाभ होता है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
अनुलोम-विलोम प्राणायाम सही विधि से और सही मात्रा में करने से शरीर के सभी अंगों को लाभ मिलता है क्योंकि इससे हर कोशिका को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध हो जाता है।
इस प्राणायाम से आंखों और मस्तिष्क को विशेष रुप से लाभ पहुंचता है।
भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम स्मरण शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ एकाग्रता को भी बढ़ाता है, जिससे बच्चों को पढ़ाई में काफी मदद मिलती है। लेकिन यह सही प्रकार से किया जाना चाहिए।
उद्गीथ प्राणायाम (मेडिटेशन)
मन चंचल होता है और बचपन तो चंचलता का ही रूप है। उद्गीथ प्राणायाम करने से चंचल मन को नियंत्रित करके अच्छे कामों में लगाया जा सकता है।
यह प्राणायाम करने से तनाव भी कम होता है, मन को बहुत शांति मिलती है। समय की उपलब्धता के अनुसार इसे अवश्य करना चाहिए।
ताली बजाना (clapping)
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ताली बजाना बच्चों के लिए एक मजेदार काम है, लेकिन इसके लाभ भी बहुत हैं। हमारे शरीर में एक प्रकार की ऊर्जा का प्रवाह निरंतर होता रहता है, इस प्रवाह में रुकावट आने के कारण कई रोग होते हैं, दोनों हाथों में इस ऊर्जा प्रवाह से संबंधित अंगों के एक्यूप्रेशर पॉइट्स बने होते हैं। ताली बजाने से यह सभी पॉइंट्स रिचार्ज हो जाते हैं और शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार होता है। इस प्रकार हमें अनजाने में ही एक्यूप्रेशर चिकित्सा का लाभ भी मिल जाता हैै।
निष्कर्ष
बचपन खेलकूद, योग- व्यायाम आदि से स्फूर्तिवान बनना चाहिए। तभी आगे चलकर हमारे देश को नई पहचान देने वाले युवा प्राप्त होंगे।इसलिए बच्चों को उपर्युक्त सभी गतिविधियों के लिए प्रेरित करना चाहिए। पढ़ाई- लिखाई बच्चों के लिए बहुत ज़रूरी है, लेकिन पढ़ाई-लिखाई बच्चे तभी कर पाएंगे जब बच्चों का तन और मन दोनों स्वस्थ होगा।
इसलिए सुनो बच्चों......
खेलोगे, कूदोगे, बनोगे बलवान।
पढ़ोगे, लिखोगे, बनोगे विद्वान।
हर काम हो जाएगा आसान।
तभी तो बनेगा भारत देश महान।
Nice 😊
ReplyDeleteNice mam
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