Boss is always right

 (इस आर्टिकल में 'Boss is always right'इस कथन की समीक्षा की गई है।)

हम सदैव यह कथन सुनते रहते हैं कि मालिक सदैव सही ही होता है ('Boss is always right')भले ही उसकी बात गलत ही क्यों ना हो लेकिन जो उसके नेतृत्व में कार्य करने वाले कर्मचारी होते हैं, उन्हें उनकी बात माननी ही पड़ती है और वह इस कथन को कह कर अपने आप को दिलासा दे लते हैं,'Boss is always right.'आइए हम इस बात की समीक्षा करें कि आखिर हम ऐसा क्यों कहते हैं।

अपनी नौकरी बचाने के लिए

जब भी मालिक अपने कर्मचारियों से अनावश्यक कोई विवाद करता है अथवा उसे किसी ऐसी गलती के लिए डांटता है, जो उसने ना की हो, उस समय कर्मचारी अपने मालिक की कड़वी- से- कड़वी बात को भी सह जाता है और अपनी सफाई के लिए कुछ नहीं कहता। ऐसे समय यदि वह कुछ कहेगा तो मालिक उसे नौकरी से निकाल देगा इस बात का यदि कर्मचारी को भय रहता है तो वह चुपचाप अपनी गलती ना होने पर भी उसे स्वीकार करके अपने आप को दिलासा देते हुए यह कहता है कि 'Boss is always right.'



चापलूसी करने के उद्देश्य से

कई लोग अपने मालिक की चापलूसी करने के लिए उसकी हर गलत बात पर भी उसकी हां में हां मिलाते हैं, यदि कोई उन्हें टोकता है और समझाता है कि गलत बात का समर्थन उसे नहीं करना चाहिए तो ऐसे लोग इस बात को दोहरा कर उन्हें ही समझा देते हैं की'Boss is always right.'मालिक की चापलूसी करने के अनेक उद्देश्य हो सकते हैं उनमें से अन्य कर्मचारियों के बीच अपना दबदबा बनाए रखना तथा अपनी पदोन्नति कराना मुख्य कारण है।



डरपोक स्वभाव के कारण

कुछ कर्मचारियों का स्वभाव ऐसा होता है कि उन्हें सामने वाले से प्रश्न करने में डर लगता है इसलिए वे अपने मालिक से तर्क करने अथवा अपनी बात को उनके समक्ष व्यक्त करने में डर और झिझक महसूस करते हैं। यदि कोई उन्हें समझाता भी है तो उसे यही कहते हैं कि 'Boss is always right.'ऐसा कहकर वे अपने डरपोक स्वभाव को छिपाने की कोशिश करते हैं।


किसी मजबूरी के कारण

कई बार कर्मचारी और मालिक के बीच पहले से ही कुछ समझौते होने के कारण मजबूरन सही होने के बावजूद अपने मालिक की गलत बात को मानना पड़ता है और कई बार तो गलत कार्य में उनका साथ भी देना पड़ता है। ऐसा करते हुए कईयों की आत्मा उन्हें समझाने का प्रयास करती है लेकिन मजबूरन उन्हें अपनी अंतरात्मा को ही यह बात कहना पड़ता है कि 'Boss is always right.'


'Boss is always right'इस वाक्य के फायदे

Boss is always right'इस एक वाक्य से मालिक और कर्मचारी के बीच विवाद नहीं होता। सभी कर्मचारी मालिक के आज्ञाकारी बनकर उसकी बात मानते हैं और जैसा वह चाहे वैसा ही करते हैं।

मालिक का स्वाभिमान बना रहता है कभी भी उसके हम को ठेस नहीं पहुंचती क्योंकि कोई भी कर्मचारी उससे विवाद करने की गुस्ताखी नहीं करता।

मालिक कभी-कभी कम वेतन अथवा कम मजदूरी देकर भी अपने कर्मचारियों से अपना अधिक से अधिक काम करवा लिया करते हैं।

'Boss is always right'इस कथन के कारण भले ही मालिक का स्वाभिमान बना रहे और कर्मचारियों का नुकसान हो लेकिन इससे कई बार मालिक को  नुकसान भी होता है।


'Boss is always right'इस कथन से नुकसान

'Boss is always right'इस कथन से एक कर्मचारी अपने आप को और अपनी नौकरी को कई विवादों से बचा तो लेता है, उसे कई बार नुकसान भी होता है और उसके आत्मविश्वास को ठेस पहुंचती है लेकिन इससे नुकसान काफी हद तक किसी संस्था को चलाने वाले मालिक की भी होती है।

  • कई बार मालिक कुछ गलत निर्णय ले लेता है जो उसकी संस्था के लिए नुकसानदेह होते हैं, यदि कोई कर्मचारी हां में हां मिलाकर उसकी हर बात मानता जाए तो उसकी संस्था को इस गलत निर्णय के कारण नुकसान का सामना करना पड़ता है।
  • कई बार मालिक का ईगो गलत होने के बावजूद उसे अपनी गलती मानने नहीं देता और कर्मचारी भी विवश होकर उसकी बात मान लेता है लेकिन इसके कारण जब मालिक को अथवा उसकी संस्था को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है तो कर्मचारी की नौकरी भी उससे प्रभावित होती है।
  • 'Boss is always right'इस बात को स्वीकार करते हुए कर्मचारी किसी भी मुद्दे पर अपनी राय नहीं रख पाते।
  • यदि कर्मचारी डर डर कर अपने मालिक से कार्य करते हैं तो इतना अच्छा काम नहीं कर पाते जितना कोई प्रेम और खुशी के साथ करता है।

क्या 'Boss is always right' कथन वास्तव में उचित है?

कभी-कभी मालिक अधिक अनुभवी होने के कारण उसकी बात को टालना उचित नहीं होता और ऐसे समय यह कथन उपयुक्त भी दिखता है कि 'Boss is always right'लेकिन यदि मालिक अथवा बॉस कम अनुभव वाला और व्यसनी हो तो उसे अपने कर्मचारियों की सलाह भी अवश्य माननी चाहिए। ऐसा करके वह अपनी संस्था को उचित दिशा में ले जा सकता है तथा नुकसान से बच सकता है।

जब कोई कर्मचारी अपने काम में सही है और अनावश्यक रूप से उस पर कोई बात थोपी जाती है अथवा उसका शोषण किया जाता है तो ऐसे में उसे अपना स्वाभिमान बचाते हुए अपनी बात को अपने मालिक के सामने रखने की कोशिश करनी चाहिए ऐसे वक्त में यह कथन उपयुक्त नहीं है कि 'Boss is always right'बल्कि उसे अपनी सही बात को साबित करने की कोशिश करनी चाहिए। कई बार किसी मजबूरी बस अधिकतर कर्मचारी ऐसा नहीं कर पाते क्योंकि परिवार की जिम्मेदारियों को निभाने के लिए उन्हें अपनी नौकरी अपने स्वाभिमान से अधिक प्यारी होती है। लेकिन ऐसा करके वे अपने मालिक द्वारा अपना शोषण करने के लिए अपने आप को समर्पित करते हैं इसलिए उन्हें अपने स्वाभिमान  और अपनी नौकरी  दोनों ही बातों पर विचार करते हुए सही निर्णय लेना चाहिए।

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