नए साल के लिए कविता (नया साल कब पुराना बन जाता है?)
नए साल के लिए कविता (नया साल कब पुराना बन जाता है?) एक साल पहले ही तो नया साल मनाया था। पिछले साल को भुलाकर इसे अपनाया था। स्वागत में इसके नया-नया गीत गाया था। कुछ अच्छा करने का हमने प्रण भी उठाया था। दिन गुजरते-गुजरते यह साल भी गुजर गया वह एक साल यूं हमारे हाथों से निकल गया साल नया आते ही नया पुराना बन गया वह नया साल अब गुजरा हुआ जमाना बन गया फिर नया साल आया है आओ नई खुशियां मनाएं पुराने गिले-शिकवे भुलाकर खुशी के गीत गाए। कुछ नया कर दिखाने के वादे दोहराएं पिछले साल को अलविदा कह नए साल को अपनाएं। कुछ खट्टे मीठे अनुभव यह साल भी हमें देगा खुशियां बेशुमार यह साल भी हमें देगा कुछ नए सपने...