रोग भुलक्कड़ी
छोटी मोटी बातें भूलना यह तो आम बीमारी है,
पर रोग भुलक्कड़ी आज के युग में एक महामारी है।
मंत्री जी कहते थे ,"वोट पाकर भला करुंगा देश का,
खुशियों से झोली भर दूंगा देश के हर गरीब का।
सब को उनका हक दूंगा, आएगा धन स्विस बैंक का।"
सत्ता पाकर भूल गए सब वादें,
रोग लगा उन्हें भुलक्कड़ी का।
दरोगा जी ने ट्रेनिंग के वक्त ,शपथ लिया था देशभक्ति का।
अनुशासन के डंडे से बुराइयों को दे मात ,
सेवा करूंगा जनशक्ति का।
भर्ती के बाद जब वर्दी पहनी ,उन्हें ध्यान रहा बस सैलरी का।
रिश्वत लेते वक्त सारी बातें भूल गए ,
रोग लगा उन्हें भुलक्कड़ी का।
बचपन में हमने सीखा था ,
"स्वच्छता और सफाई है कितनी जरूरी।"
इनके अभाव में होते हैं रोग बड़े-बड़े,
हो जाती है ज़िंदगी अधूरी।
फिर भी हम जल ,हवा और धरती को गंदा करते हैं,
नहीं सोचते देश का; बीमार हैं, परेशानहैं।
पर याद नहीं वो सीखी बातें,
हमें लगा रोग भुलक्कड़ी का।
क्या आप याद रखेंगे अपनी बातें आगे मंत्री आप ही को बनाएंगे ।
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