नववर्ष की कविता (२०२१)
लो 2020 बीत गया, अब आएगा 1 साल नया।
जब 2020 आया था, अनोखी यादें लाया था।
अपनी संग यह साल, कोरोनावायरस साथ लाया था।
इसकी यादें अब जीवन का कस्सा बन चुकी हैं।
मास्क और 2 गज की दूरी जीवन का हिस्सा बन चुकी है ंं़ंंंं़ंंं़ंंंं़ं
इस साल घट गई, हर किसी की कमाई।
अब हो रही है ,ऑनलाइन ही पढ़ाई।
हालांकि बच्चों की संख्या बहुत कम है।
देश का भविष्य अनपढ़ ना रह जाए,
चिंता इसकी सबको हरदम है। ंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंं
जल्दी बीते यह साल ,
ऐसा कहकर सब ने इसे कोसा।
हर किसी को था ,नए साल के आने का भरोसा।
वैसे तो इस 2020 ने दिया है अनुभव, हर दिन नया।
संघर्षों से भरा था ,संकट भी था ,चलो बीत गया।
ंंंं
अब 2021 आएगा,
कुछ खट्टे मीठे अनुभव यह भी दे जाएगा।
जो भी हो वह देखा जाएगा।
पर ,इसकी वेलकम पार्टी में बड़ा मजा आएगा।
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