खुदकुशी का विकल्प
(अगर जीवन से परेशान होकर आपने खुदकुशी करने का फैसला कर लिया है तो यह आर्टिकल एक बार जरूर पढ़िए..)
मानव जीवन ईश्वर का दिया हुआ एक वरदान है ,हम सबके लिए । वैसे तो जीवन सुख- दुख का संगम है, पर कभी-कभी हम इतने ज़्यादा दुखी हो जाते हैं ;दुख की घड़ी इतनी कठोर होती हैं, कि हमअपना जीवन समाप्त करने का मन बना लेते हैं। मन में यह इच्छा आती है,कि अब जी कर क्या करना है? अब जीवन में कुछ भी नहीं रहा !अगर ऐसा ख्याल आपको भी आ रहा हो, तो मेरे कहने पर खुदकुशी करने से पहले यह तीन काम जरूर करिएगा।
(१)अपने परिजनों और रिश्तेदारों के साथ बिताए हुए अच्छे पलों को याद करें ,उनकी फोटो को देखें और सोचें, कि हमारी मौत से उन्हें खुशी होगी या दुख? और अगर आपके दुख का कारण आपके अपनों की नाराजगी ही है, तो याद रखिए अपने, अपनों से ज़्यादा देर नाराज नहीं रह सकते। कभी ना कभी उनकी नाराज़गी दूर होगी और वे अपने आपको ज़िंदगी भर कोसते रहेंगे ,कि हमारी इस छोटी- सी गलती के कारण कोई हमारा अपना, हमसे दूर चला गया । इसलिएथोड़ा समय बीतने दीजिए , इंतज़ार कीजिए, सब कुछ ठीक हो जाएगा।
(२)समाज में रहने वाले अपने ही जैसे और लोगों से यदि आप अपनी तुलना करेंगे,तो आपको पता चलेगा कि लोग आपसे भी बड़े- बड़े दुख से ग्रसित हैं, उनकी चिंता आप से भी बड़ी है। ऐसे लोगों के बारे में सोचिए, जो आप से भी ज्यादा दुखी हैं। विचार करिए ,कि यदि वे लोग अपनी ज़िंदगी से लड़कर जीवन जी सकते हैं ,तो आप क्यों नहीं ?जीवन के कष्टों से डरकर मरना और जीवन से भागना कायरों का काम है ।सरहद पर मरने वालों सैनिकों को दुनिया याद करती है, पर खुदकुशी करने वालों को उनके अपने भी याद नहीं करते।
(३) हो सकता है ,कि आपके जीवन में कुछ चीज़ों का अभाव हो, आपके पास वह सब नहीं हो, जो आप चाहते हैं, लेकिन यदि आप अन्य लोगों से अपनी तुलना करेंगे, तो पाएंगे कि आपके पास बहुत कुछ है, जिसका सही उपयोग करके आप वह सब कुछ पा सकते हैं ,जो आप अपने जीवन में अपने लिए चाहते हैं, सिर्फ आपको अपना नज़रिया बदलने की जरूरत है। आप अपनी सोच को बदलें और जीवन में जो आप को सकारात्मक दिशा दें, वैसे लोगों की बातों को ध्यान से सुनें ऐसे समय में आपको नकारात्मक विचारों को कुछ समय के लिए छोड़ कर यह सोचना चाहिए, कि "क्या हुआ.. अगर जीवन में सब कुछ चला गया, मैं अगर नए सिरे से कोशिश करूं, तो फिर से वह सब कुछ पा सकता हूं ,जो मैं अपने जीवन में हासिल करना चाहता हूं।"
और अगर सब कुछ सोचने समझने के बाद भी आपके पास खुदकुशी करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा ,तो इस दुनिया और समाज का कुछ भला करके जाइए ,कि मरने के बाद भी आपको कोई दिल से याद करे। ईश्वर ने अरबों रुपए से भी कीमती मानव शरीर आपको दिया है: आंखें , ह्रदय,किडनी, लीवर जो आप के बाद किसी मरते हुए को जीवन दे सकता है ।आपकी आंखों से किसी की अंधेरी ज़िंदगी रोशन हो सकती है ।आपके वह अंग जो मरने के बाद बेकार हो जाएंगे, उनसे किसी को नई ज़िंदगी मिल सकती है ।
किसी भी अस्पताल में जा कर देखिए तो सही, कोई मरीज अपने जीवन को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करता है दुआ करता है ,लेकिन आप अपने जीवन से तंग आ चुके हैं ।खुदकुशी करना चाहते हैं, तो क्यों ना आपका जीवन किसी और के काम आए।अगर आप भी ऐसा सोचते हैं ,तो अपने नजदीकी अस्पताल में अपने कीमती अंग डोनेट ज़रूर कर दें । जब भी आपको खुदकुशी का विचार मन में आए और आप सभी बातें सोचने के बाद उस विचार को दूर न कर पाएं, तो आपको ऐसा ज़रूर करना चाहिए और अपने सुसाइड नोट में भी इसका अवश्य जिक्र करें।
मरना ही है, तो अपने जीवन को यादगार बना कर जाओ।
अपना अंग डोनेट करके किसी के काम तो आओ। ्््््
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