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संतोष: फलदायक:

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 (इस आर्टिकल में हम 'संतोष: फलदायक:' इस कथन की समीक्षा करेंगे और जानेंगे कि इसके अनुसार चलना जीवन में लाभप्रद है अथवा नहीं।) संतोष: फलदायक: ' संतोष: फलदायक: ' का अर्थ है संतोष अर्थात 'किसी चीज से तृप्त अथवा जितना हो उसमें तृप्त रहना लाभदायक होता है।'वास्तव में जिसे जीवन में जितना ही अधिक वस्तुओं की प्राप्ति होती जाती है, वह 'और चाहिए और चाहिए' की महत्वाकांक्षा से पीड़ित होता जाता है लेकिन ऐसा करना उसके लिए कई परेशानियों को जन्म देता है। एक महत्वाकांक्षी मनुष्य अथवा जीव ना सिर्फ मानसिक रूप से बल्कि शारीरिक रूप से भी परेशान रहता है। इस प्रकार ना तो उसका वर्तमान जीवन सुखी रहता है ना ही मरने के बाद उसकी आत्मा को शांति मिलती है, इसलिए शास्त्रों में कहा गया है, ' संतोष: फलदायक:'  जो भी मनुष्य इस विचारधारा को जीवन में अपनाकर अपने लिए निर्धारित सभी कार्यों को प्रसन्नता से करता है, वह अपने जीवन में हमेशा सुखी रहता है। संतोष: फलदायक: विचारधारा से जीवन में लाभ जो कोई भी श्रद्धा से इस बात को स्वीकार करता है कि उसके पास जितना है, उतने में वह संतोष के साथ जीवन...

वाक्य-विचार(worksheet for Hindi grammar

 शब्दों के  व्यवस्थित एवं सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं। वाक्य के अंग उद्देश्य (subject) विधेय (predicate) वाक्य के भेद- अर्थ के आधार पर विधानवाचक वाक्य निषेधवाचक वाक्य  आज्ञावाचक वाक्य प्रश्नवाचक वाक्य इच्छावाचक वाक्य संदेहवाचक वाक्य संकेतवाचक वाक्य विस्मयवाचक वाक्य रचना के आधार पर सरल वाक्य संयुक्त वाक्य मिश्र वाक्य ----------------------------------------------------------- प्रश्न-1. निम्नलिखित वाक्यों में उद्देश्य एवं विधेय पहचान कर लिखिए। लाल शर्ट वाला लड़का बहुत शरारती है। मेरा दोस्त बहुत अच्छा खिलाड़ी है। रामचंद्र शुक्ल की लिखी हुई हर किताब मुझे बहुत पसंद है। मेरी मां बहुत अच्छा भोजन पकाती है। मैं पढ़ लिखकर बहुत अच्छा इंसान बनूंगा। प्रश्न-2 निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए। बहुत सुंदर दृश्य है। ( विस्मयवाचक वाक्य) मैं सुबह 7:00 बजे विद्यालय जाती हूं। (प्रश्नवाचक वाक्य) मैं चाहता हूं कि तुम 100 साल जियो। (इच्छावाचक वाक्य) मुझे फास्ट फूड पसंद है। (निषेधवाचक वाक्य) बड़े दुख की बात है कि वह छत पर से गिर गया। (विस्मय वाचक वाक्य)

Shrimadbhagwat Geeta

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  (In this article Shrimad Bhagavad Gita which is a major preserve of Hinduism, it is the essence of some chapters, its importance, resolution and related. What is Shrimad Bhagavad Gita? Shrimad Bhagavad Gita is the extract of all the scriptures and Puranas of Sanatan Dharma. One who has read and understood the Bhagavad Gita, as if he has acquired the knowledge of all the Puranas and scriptures. It contains many mysteries of life  Shrimad Bhagavad Gita is the message of selfless devotion given by Shri Krishna to Arjuna, which is useful for all human beings. Reading this gives answers to almost all questions of life. This scripture is very useful not only for Hindus but for people of all religions. Who is the author of Shrimad Bhagavad Gita? Shrimad Bhagavad Gita is a nectar emanating from the mouth of Lord Krishna himself, who is believed to be an incarnation of Vishnu. In the war of Mahabharata, when Arjuna starts running away from the war after falling in love, then in order...

Boss is always right.'

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  (The statement 'Boss is always right' has been reviewed in this article.) We always keep hearing the statement that the boss is always right ('Boss is always right').Even if his words are wrong, but the employees who are working under his leadership, they have to obey them and they console themselves by saying this statement,Boss is always right.'Let us review why we say so. To save your job Whenever the employer disputes with his employees unnecessarily or scolds him for some mistake which he has not done, at that time the employee also speaks bitterly of his employer. .  At such a time, if he says something, the employer will fire him, if the employee is afraid of this, then he calmly accepts it even if it is not his mistake, and comforts himself saying that 'Boss is always right'. For the purpose of cheating To flatter their master, many people even say yes to his every wrong thing, If someone interrupts them and explains that they should not support th...

नए साल के लिए कविता (नया साल कब पुराना बन जाता है?)

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 नए साल के लिए कविता (नया साल कब पुराना बन जाता है?) एक साल  पहले ही तो  नया साल  मनाया था। पिछले   साल को   भुलाकर इसे अपनाया था। स्वागत    में   इसके   नया-नया गीत  गाया था।  कुछ अच्छा करने का हमने प्रण भी उठाया था। दिन   गुजरते-गुजरते   यह  साल भी गुजर गया वह एक साल यूं   हमारे   हाथों से   निकल गया  साल  नया  आते   ही   नया   पुराना  बन   गया  वह नया साल अब गुजरा हुआ जमाना बन गया फिर नया साल आया है आओ नई खुशियां मनाएं पुराने  गिले-शिकवे भुलाकर   खुशी के गीत गाए। कुछ   नया   कर    दिखाने    के   वादे    दोहराएं  पिछले साल को अलविदा कह नए साल को अपनाएं। कुछ खट्टे मीठे अनुभव यह साल भी हमें देगा खुशियां   बेशुमार  यह   साल  भी   हमें देगा  कुछ  नए  सपने...

Good thought

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  Good thought Thoughts spread their fragrance in our lives like roses, which gives us new inspiration to live, but the good things that come in our life also prick someone like thorns. We should try to smell our life, not pay attention to them. सुविचार का अर्थ है सुंदर विचार ऐसे विचार जो आपके जीवन में परिवर्तन ला दें। किसी का कहा गया सुना गया अथवा पढ़ा गया एक भी सुविचार यदि हमने अपने जीवन में उतार दिया या उसके अनुरूप चलने की ठान ली तो निश्चित ही हमें उसका अच्छा परिणाम देखने को मिलता है। कुछ ऐसे ही सुविचार नीचे दिए गए हैं। Suvichar means beautiful thoughts, such thoughts which will bring change in your life. If we put down a single thought that has been said, heard or read by someone or if we decide to follow it in our life, then we definitely get to see its good result. Some such ideas are given below. You just have to take care of yourself today, whatever can happen to you today and now, just do it with all your dedication, strength and commitment. God will see the rest. उपर्युक्...

सुविचार

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 सुविचार सुविचार, गुलाब के फूलों की तरह हमारे जीवन में अपनी खुशबू फैलाते हैं जिससे हमें जीने की नई प्रेरणा मिलती है परंतु इससे हमारे जीवन में जो अच्छाइयां आती हैं वह कांटों की तरह किसी को चुभती भी हैं। हमें अपने जीवन को महकाने का प्रयास करना चाहिए,उनपर ध्यान नहीं देना चाहिए। सुविचार का अर्थ है सुंदर विचार ऐसे विचार जो आपके जीवन में परिवर्तन ला दें। किसी का कहा गया सुना गया अथवा पढ़ा गया एक भी सुविचार यदि हमने अपने जीवन में उतार दिया या उसके अनुरूप चलने की ठान ली तो निश्चित ही हमें उसका अच्छा परिणाम देखने को मिलता है। कुछ ऐसे ही सुविचार नीचे दिए गए हैं। आपको केवल सम्भव को संभालना है, असम्भव को नही। जो आप से आज और अभी हो सकता है बस उसे अपनी पूरी लगन, ताकत और प्रतिबद्धता से करना है। बाकी ईश्वर देखेंगे। उपर्युक्त सुविचार हमें प्रेरणा देता है कि हमें केवल वही करना चाहिए जो संभव हो सकता है। जो हमारे लिए संभव ही नहीं है उसके पीछे नहीं भागना चाहिए।जो वर्तमान में आप कर सकते हैं, उसे पूरी लगन और मेहनत के साथ करना चाहिए और परिणाम की चिंता भगवान पर छोड़ देनी चाहिए। भगवान श्री कृष्ण ने भी अर्जु...