मेरा आदर्श बेटा (हिंदी कविता)
(यह कविता लड़के और लड़कियों में समानता की शिक्षा देने वाली एक आदर्श कविता है।)
मेरा आदर्श बेटा
लाखों में एक, दुनिया में अनोखा मेरा आदर्श बेटा।
सुबह देर से उठने पर भी रहता है वह लेटा।
जब भी कोई उठाने आता, बस 5 मिनट कह देता।
फिर भी सबकी आंखों का तारा है मेरा आदर्श बेटा।
और लोग तो अपनी गलतियों से परेशान रहते हैं।
लेकिन मेरा बेटा ऐसा नहीं है,
एक बार कहने से सुन जाए,
यह तो कभी संभव नहीं है।
अक्सर लोग उसे देखकर हैरान रहते हैं।
और लोग तो सफाई का ध्यान रखते हैं
लेकिन मेरा बेटा ऐसा नहीं है
उसके लिए तो मन का साफ रहना ही जरूरी है
दिखावे से दूर रहता है, बस कपड़े पहनना जरूरी है।
और लोग तो प्यार से दूसरों से बातें करते हैं
लेकिन मेरा बेटा ऐसा नहीं है,
वह तो अच्छी बात कहने पर भी डांट देता है।
दुश्मन तो छोड़ो दोस्तों से भी वह डांट कर ही बात करता है।
और लोग तो दिन-रात पढ़ाई करते हैं
लेकिन मेरा बेटा ऐसा नहीं है
वह तो 1 घंटे में ही सारी पढ़ाई कर लेता है
अपनी बातों से अच्छे- अच्छों को फेल कर देता है।
और लोग तो समय की पाबंदी पर ध्यान देते हैं।
लेकिन मेरा बेटा ऐसा नहीं है।
वह तो समय पर जाना अपनी शान के खिलाफ समझता है।
समय को बर्बाद करना ही अपनी शान समझता है।
और लोग तो भगवान की पूजा बड़े ध्यान से करते हैं।
लेकिन मेरा बेटा ऐसा नहीं है।
मानो,भगवान इसकी पूजा का इंतजार करते हैं!
मंत्र जाप करके वह ऐसे रिएक्ट करता है।
जैसा भी हो बेटा सबकी आंखों का तारा होता है।
इसी सोच के कारण बेटा आवारा होता है।
बेटियों के साथ- साथ बेटों पर भी पाबंदी लगाइए,
समानता का अवसर देकर दोनों को आगे बढ़ाइए।
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