जन्माष्टमी का एक अनोखा संकल्प
आज जन्माष्टमी को संकल्प लें-
श्री कृष्ण को ही नहीं उनकी बातों को भी जीवन में अपनाएंगे,
कृष्ण को मक्खन प्रिय है, गाय इससे भी अधिक प्रिय है, गाय को भी चारा खिलाएंगे।
कृष्ण ने जो भी गीता में कहा है, उसे अपने जीवन में उपयोगी बनाएंगे।
कर्म करना ही अगर भगवान को अच्छा लगता है, तो अपने अच्छे कर्मों से ही भगवान को रिझाएंगे।
आएंगे भगवान जरूर, हमारे हृदय में ही आएंगे...
भगवान तो हर कण में विराजित है, पर हम उन्हें मंदिरों में ढूंढते हैं, अब हम अपने हृदय को ही उनका मंदिर बनाएंगे।
हर युग में वो धर्म की रक्षा करते हैं, हम भी उनका अनुसरण करेंगे, उनके दिखाए हुए पथ पर अपने आप को चलाएंगे।
झालरों से सजाकर उनका जन्मदिन तो हर कोई मनाता है, लेकिन हम अपने हृदय को ही उनके लिए निर्मल बनाएंगे।
आएंगे भगवान जरूर हमारे हृदय में ही आएंगे...
ओ गैया चराने वाले! बंसी बजाने वाले! कष्टों में भी मुस्कुराने वाले, हमारे हृदय को अपना धाम बना दे।
सच कहते हैं प्रभु! दिन-रात अपना कर्तव्य निभाते हुए सदा तेरे ही गुण गाएंगे।
ओ हर सुखों को देने वाले! हमें अपनी भक्ति का भी सुख दे दे, छल, कपट और दंभ को भुलाकर,तुझ में ही खो जाएंगे।
आएंगे भगवान जरूर हमारे हृदय में ही आएंगे।...
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