बिजली की चोरी, गरीब की मजबूरी
(इस आर्टिकल में मेहंगी बिजली की चोरी के विविध कारणों पर प्रकाश डाला गया है।)
बिजली की चोरी, गरीब की मजबूरी
आज के समय में ऊर्जा का सबसे सस्ता और सुलभ साधन बिजली है। बिजली लोगों के दैनिक जीवन की एक मूलभूत आवश्यकता है। इस तकनीकी युग में कई मशीनें बिजली के बिना तो चल ही नहीं सकती। छोटे-छोटे कमरों में रहने वाले लोगों को गर्मी से बचने के लिए पंखा तो चलाना ही है, उनको चलाने के लिए बिजली चाहिए, अंधेरे को दूर करने के लिए बिजली चाहिए, मोबाइल आदि चार्ज करने के लिए बिजली ही चाहिए! लेकिन बिजली इतनी महंगी होती जा रही है कि हर कोई उसे खरीद नहीं सकता, इसलिए बिजली की चोरी करना कुछ लोगों के लिए तो मजबूरी है और कुछ लोगों का शौक।
बिजली हमारी जरूरत क्यों?
आधुनिक समय में रोटी कपड़ा और मकान के बाद बिजली भी एक मूलभूत आवश्यकता बन गई है, क्योंकि आज अधिकतर काम बिजली से ही किए जाते हैं। कई उद्योग ऐसे हैं जो बिजली के बिना लगाए ही नहीं जा सकते। चाय फोटोस्टेट की छोटी सी दुकान हो या आटा चक्की की मशीन, बिजली के बिना इनका चलना कहां संभव है। ऑनलाइन जगत में जहां हर काम मोबाइल के ऐप से ही होता है, उस मोबाइल को चार्ज करने के लिए भी बिजली चाहिए। हर छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा काम बिजली से ही किया जा रहा है। इस प्रकार बिजली के इतने अधिक उपयोग को देखते हुए हम कह सकते हैं की बिजली हमारे आज की मूलभूत जरूरत है।
बिजली उत्पन्न करने के साधन
बिजली उत्पन्न करने के लिए अनेक प्रकार के साधनों का उपयोग किया जाता है।
- बड़े-बड़े बांध बनाकर टरबाइन द्वारा बिजली उत्पन्न की जाती है। यह बिजली उत्पादन का सबसे मुख्य स्रोत है अधिकांशतः यही बिजली हमारे घरों में उपलब्ध कराई जाती है।
- यूरेनियम जैसे रेडियोएक्टिव तत्वों से भी बिजली उत्पन्न की जाती है।
- आजकल सौर्य उर्जा भी बिजली उत्पादन का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनता जा रहा है, लेकिन इस से बिजली उत्पन्न करना खर्चीला है क्योंकि इसके उपकरण बहुत महंगे होते हैं।
- कचरे और गोबर से भी बिजली उत्पन्न की जाती है, लेकिन इसके लिए जिन तकनीकी चीज़ो की जरूरत होती है, वे सर्व सुलभ नहीं हैं।
बिजली महंगी होने का कारण
बिजली सस्ती और सुलभ ऊर्जा का स्रोत है, लेकिन बिजली उत्पादन के बाद उसकी ढुलाई का खर्च, उसकी देखरेख का खर्च, उसके उपकरणों का खर्च यह सब जोड़ कर बिजली महंगी हो जाती है, इतनी महंगी हो जाती है की सर्व सुलभ नहीं रह पाती बल्कि केवल धन खर्च करके ही इसे पाया जा सकता है।
बिजली की चोरी, गरीब की मजबूरी क्यों?
बिजली जब महंगी हो जाती है, हर महीने उसका शुल्क इतना अधिक आता है कि एक गरीब आदमी के लिए उस शुल्क को चुकाना मुश्किल लगता है। एक गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार दोनों ही अपने दैनिक जीवन की छोटी-मोटी जरूरतों को जैसे- तैसे पूरा करते हैं। इन जरूरतों को पूरा करते करते उनके पास इतना धन बचता ही नहीं थी वह बिजली के महंगे शुल्क को अदा कर सकें। इसी कारण बिजली की चोरी करना उनकी मजबूरी बन गई है। उनके पास केवल दो ही रास्ते होते हैं या तो वह बिना बिजली के रहे जो कि संभव नहीं है या फिर बिजली की चोरी करके अपनी बिजली से संबंधित जरूरतों को पूरा करें। इसलिए बिजली की चोरी, गरीब की मजबूरी यह बात एक कहावत सी बन गई है।
Comments
Post a Comment