महाशिवरात्रि (एक विशेष पर्व)
(इस आर्टिकल में महाशिवरात्रि पर्व की विशेष जानकारी दी गई है। महाशिवरात्रि कब मनाया जाता है? क्यों मनाया जाता है? और किस प्रकार इस त्योहार को मनाते हैं? यह सभी जानकारी इस आर्टिकल में दी गई है।)
महाशिवरात्रि- एक विशेष पर्व
महाशिवरात्रि संपूर्ण भारत में मनाया जाने वाला एक विशेष पर्व है। शिव- पार्वती के विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला यह त्योहार हर्षोल्लास के साथ - साथ वातावरण को भक्तिमय बना देता है। उत्तर से दक्षिण तक अथवा पूरब से पश्चिम तक जितने भी राज्य हैं, सभी राज्यों में अलग-अलग विधियों से, अलग-अलग रूपों में इस त्योहार को विधिपूर्वक मनाया जाता है। किसी भी शिव मंदिर की शोभा उस दिन देखने लायक होती है।
महाशिवरात्रि कब मनाया जाता है?
महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी को मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह कभी फरवरी में तो कभी मार्च में पड़ता है। यह बसंत ऋतु का समय होता है, जब मौसम ना ज्यादा गर्म होता है और ना ही ज्यादा ठंडा बल्कि एक सुहावना मौसम होता है।
महाशिवरात्रि क्यों मनाया जाता है?
शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि देवों के देव महादेव भोलेनाथ के संग माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन ही भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। अतः इस दिन को भोलेनाथ के भक्तगण भक्ति भाव से संपन्न होकर भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह का आयोजन करते हैं।
सृष्टि में ऐसा कौन होगा जो भोलेनाथ को अपना नहीं मानता! सुर , असुर, देवता, दानव, पशु, पक्षी और मानव हर कोई भोलेनाथ का भक्त बन कर इस दिन उनकी उपासना करता है और इस दिन को एक उत्साह के रूप में मनाता है।
महाशिवरात्रि किस तरह मनाया जाता है?
महाशिवरात्रि का पर्व शिव - पार्वती विवाहोत्सव के रूप में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भोलेनाथ के भक्त व्रत करते हैं , शिव मंदिरों पर शिवलिंग के ऊपर जलाभिषेक करते
हैं तथा शिव जी को बिल्वपत्र, भांग धतूरा दूध और मिष्ठान आदि अर्पित करते हैं।
इस दिन बड़े-बड़े शिव मंदिरों से शिवजी की बारात भी निकाली जाती है। स्थान - स्थान पर भंडारों का आयोजन किया जाता है तथा अंत में धूमधाम से शिव - पार्वती के विवाह का आयोजन किया जाता है।
अनेकानेक प्रकार के आयोजनों के कारण भक्तिमय माहौल से
यह दिन कुछ खास लगता है, मानों वास्तव में प्रकृति और ईश्वर का मिलन हो रहा हो। वातावरण में एक विशेष प्रकार का उल्लास दिखाई देता है।
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