भाषण के लिए आवश्यक एवं ध्यान देने योग्य बातें
(इस निबंध में भाषण देने के लिए आवश्यक बातें जैसे संबोधन, परिचय विषय तथा अन्य जरूरी बातें जो हमारे भाषण को प्रभावशाली बनाती हैं उन सभी बातों की जानकारी दी गई है।)
भाषण का अर्थ
भाषण का अर्थ होता है-- व्याख्यान, अभिभाषण, कथन, बोली हुई बात इत्यादि। अंग्रेजी में इसे 'स्पीच'(speech) कहते हैं, जिसका अर्थ होता है अपने विचारों को अभिव्यक्त करना।
भाषण किसे कहते हैं?
कोई भी मनुष्य हो वह बिल्कुल भी चुप नहीं रह सकता, अपने विचारों को, अपनी बातों को दूसरों को किसी ना किसी माध्यम से वह समझाता ही है। अपनी बात दूसरों को समझाने की यह कला अभिव्यक्ति कहलाती है। अभिव्यक्ति की यह कला किसी में कम तो किसी में अधिक लेकिन सब में होती ही है।
हम कभी ना कभी, किसी ना किसी को अपनी बातों को ज़रूर बताते हैं या समझाते हैं और कहीं बाहर, किसी मंच पर, हम अपनी बातें दूसरे को समझाने के लिए कुछ ऐसे नए तरीकों और तकनीकों का प्रयोग करते हैं, जिससे हमारे विचार, हमारी बातें सामने वाले को स्पष्ट रूप में समझ में आ जाए, वह हमारे विचारों से परिचित हो जाए। इसी उद्देश्य से जब हम अपनी बातें किसी समूह के समक्ष मौखिक रूप में रखते हैं तो इसे ही आमतौर पर 'भाषण' कहते हैं।
भाषण की परिभाषा
"एक व्यक्ति द्वारा अपने विचारों एवं भावनाओं को, किसी सभा में अथवा मंच पर, व्यक्तियों के समूह अर्थात वहां पर उपस्थित लोगों तक पहुंचाने की कला भाषण कहलाती है।"
यह भाषण धाराप्रवाह (fluently) रूप में भाषा का उतार-चढ़ाव, वाक् शक्ति का प्रदर्शन आदि बातों को ध्यान में रखकर दिया जाता है।
विद्यालय में भाषण प्रतियोगिता (speech competition) रखने का उद्देश्य
बच्चों को अलग-अलग विषयों पर अपनी अभिव्यक्ति अथवा विचार प्रकट करने की कला में पारंगत बनाने के उद्देश्य से विद्यालयों में प्रतिवर्ष CCA Activity के अंतर्गत भाषण प्रतियोगिता को भी एक महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। भाषण प्रतियोगिता को रखने के निम्नलिखित उद्देश्य होते हैं--
झिझक दूर करना
भाषण प्रतियोगिता में अपना अच्छा प्रदर्शन देने के लिए बच्चे दिए गए विषय पर अपने विचारों को प्रकट करते हैं, बोलने में जो झिझक उनके अंदर होती है, उस झिझक को दूर कर बच्चे प्रभावशाली ढंग से अपने विचारों को अभिव्यक्त करना सीखते हैं।
भाषा के उच्चारण में शुद्धता लाना
क्योंकि भाषण देने के लिए धाराप्रवाह रूप में बोलना होता है, इसलिए शब्दों के उच्चारण पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। अतः भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने से बच्चे अपने भाषा के उच्चारण में अधिक से अधिक शुद्धता लाने का प्रयत्न करते हैं। इससे वे अपनी भाषा को और अधिक प्रभावशाली बना पाते हैं।
भाव स्पष्टीकरण की क्षमता को बढ़ाना
'भाव स्पष्टीकरण' का अर्थ है अपने विचारों को सही ढंग से दूसरे को समझा पाना ताकि सामने वाला "आप क्या कह रहे हैं," इस बात को अच्छी तरह समझ सके। अपने भाव को स्पष्ट करने के लिए अनेक उदाहरणों, तथ्यों तथा कविता की कुछ पंक्तियों अथवा किसी गीत को भी माध्यम बनाया जा सकता है।
भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने से बच्चों में यह भाव स्पष्टीकरण की क्षमता बढ़ती है।
वाक् शक्ति को बढ़ाना
'वाक् शक्ति' का मतलब है बोलने की कला। बोलना सिर्फ मुख से नहीं होना चाहिए बल्कि इसमें हाथ, आंख, भौंहें तथा चेहरे का हाव-भाव यह सब कुछ भी महत्व रखता है। जैसे आप अपनी बात अपने माता-पिता या अपने किसी मित्र को पूरे हाव-भाव के साथ समझाते हैं, उसी प्रकार भाषण देते समय भी धाराप्रवाह बोलने के साथ-साथ उपर्युक्त हाव-भाव (expression) जरूरी होता है।
भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने से बच्चों में वाक् शक्ति अर्थात बोलने की कला का भी विकास होता है।
भाषण में ध्यान देने योग्य विशेष बातें
भाषण चाहें किसी मंच पर अनेक लोगों के सामने दिया जाए अथवा ऑनलाइन भाषण प्रतियोगिता में दिया जाए, इसमें कुछ बातों का ध्यान देना बहुत ज़रूरी होता है।
- जिस भाषा में आप भाषण दे रहे हैं, उस भाषा का आपको संपूर्ण ज्ञान होना चाहिए। उस भाषा के जिन- जिन शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, उनका अर्थ आपको पता होना चाहिए।
- भाषण में भाषा के उच्चारण (pronunciation) में शुद्धता होनी चाहिए। किस शब्द का उच्चारण कैसे करना है यह आपको पता होना चाहिए।
- भाषण में विराम पर आवश्यक बल देना जरूरी होता है अर्थात आप लगातार एक किताब पढ़ने की तरह अपने भाषण को नहीं बोल सकते। जैसे- थोड़ी देर रुकने के लिए आप अल्पविराम लगाते हैं, तो आपको ऐसी अवस्था में बोलते समय थोड़ी देर के लिए रुकना होता है, जहां विराम चिन्ह आए वहां अल्पविराम से थोड़ा ज़्यादा देर रुकना होता है।
- भाषण में आपको ना तो अधिक तेज बोलना चाहिए, जिसे सुनकर लोगों के कान फट जाए और ना ही अधिक धीमा बोलना चाहिए जो लोगों को सुनाई ही ना दे। बल्कि ऐसी मधुर भाषा का प्रयोग करना चाहिए, जिसे सुनकर, सुनने वाले लोग मंत्रमुग्ध हो जाएं।
- भाषण में आपको बीच-बीच में अटकना नहीं चाहिए अर्थात रुक-रुक कर, सोच-सोच कर भाषण नहीं देना चाहिए। बल्कि उपयुक्त विराम के अलावा और कहीं भी नहीं रुकना चाहिए।
- भाषण देते समय आपको अपने हाथ की मुद्रा पर भी ध्यान देना चाहिए, जैसे- आपका हाथ आपकी जेब में ना और साथ ही भाषण देते समय सीधी मुद्रा में खड़े रहना चाहिए, बिना वजह हिलना-डुलना नहीं चाहिए।
- भाषण देते समय शब्दों के अनुसार शारीरिक भाषा को भी प्रदर्शित करना चाहिए अर्थात अपने हाथ आज चेहरे का expression भी सही रूप से आवश्यकतानुसार करना चाहिए।
अच्छा और प्रभावशाली भाषण देने के लिए कैसे तैयारी करनी चाहिए?
एक अच्छा और प्रभावशाली, दूसरों को मंत्रमुग्ध करने वाला भाषण देने के लिए हमें पहले से ही तैयारी कर लेनी चाहिए। जिसके लिए हमें निम्नलिखित बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए--
भाषण के लिए सही विषय का चुनाव करना चाहिए।
भाषण के लिए दिए गए विषयों में से उपयुक्त और सही विषय का चुनाव करना चाहिए। आपका विषय महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ ऐसा हो, जिस पर आप अधिक प्रभावशाली ढंग से बोल सकें।
अपने भाषण को लिख लेना चाहिए।
- भाषण में सबसे पहले संबोधन अच्छी प्रकार लिखना चाहिए। संबोधन का मतलब है, सामने बैठे लोगों को संबोधित करना। इसके लिए आपको पता होना चाहिए कि आप का भाषण कौन-कौन सुनने वाला है? आपका श्रोता कौन है?
- संबोधन के बाद अपना परिचय एक प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
- परिचय के बाद आपको अपने श्रोता गण को इस बात से परिचित कराना होगा कि आप किस विषय पर भाषण देने जा रहे हैं।
- अपने भाषण को लिखने के लिए छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करना चाहिए।
- भाषण के आरंभ में, मध्य में अथवा अंत में अपने भाषण के विषय से संबंधित किसी कविता की, कुछ पंक्तियों को अवश्य लिखना चाहिए।
- भाषण के अंत में अपने श्रोताओं को धन्यवाद अवश्य कहना चाहिए।
भाषण लिखने के बाद उसे बोलने का अभ्यास करना चाहिए।
- आईने के सामने खड़े होकर अथवा अपने किसी दोस्त या मार्गदर्शक के सामने अपने भाषण को पूरे हाव-भाव के साथ बोलने का अभ्यास करना चाहिए।
- अपने बोले गए शब्दों पर ध्यान देना चाहिए और जहां शब्द सही ना लगे उन्हें सही प्रकार बोलने के लिए अपने किसी मार्गदर्शक की मदद लेनी चाहिए।
- अपने शब्दों और वाक्यों के सही उच्चारण पर ध्यान देना चाहिए।
Nice 😊👍 mam
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