कोरोना में काढा कितना असरदार?

 (इस आर्टिकल में प्राकृतिक चीजों से बनाए हुए काढ़े कितने असरदार होते हैं तथा किस-किस  बीमारियों को ठीक कर सकते हैं, इसके बारे में जानेंगे)

कोरोना में  काढ़ा कितना असरदार?

कोरोना आज के समय में एक ऐसी महामारी बन गई है, जिससे बचने के लिए अपने रोग प्रतिकारक क्षमता को बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। कोई नहीं जानता कि उसकी मृत्यु कब किस रूप में आएगी, लेकिन मृत्यु के हर रूप से सुरक्षित रहने की कोशिश सभी करते हैं। आज के समय में कोरोना भी मृत्यु का एक रूप बन  गया है।

कोरोनावायरस से बचने के लिए हमें मास्क का सही प्रयोग करना चाहिए।
अपने आसपास के परिसर और अपने हाथों की साफ - सफाई पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। 
किसी भी बीमारी से हमारी रोगप्रतिकारक क्षमता हमारी रक्षा करती है। अतः इसे बढ़ाने के अनेक उपाय करने चाहिए। कच्ची सब्जियों और फलों का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए। लेकिन इन सबके साथ प्राकृतिक और घरेलू चीजों से बने काढ़े का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। यह चाय का भी एक अच्छा विकल्प है।

गिलोय का काढ़ा

गिलोय पूरे भारतवर्ष में मिलने वाली एक बेल है, इसे गुड़ुच, अमृता आदि नामों से भी जाना जाता है। यह काढ़ा शरीर में हानिकारिक जीवाणुओं का नाश करने के साथ-साथ हमारी इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है, प्लेटलेट्स बढ़ाने में भी मदद करता है।

गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि

एक उंगली की जितनी मोटी 3 से 4 इंच लंबी बेल एक व्यक्ति के लिए पर्याप्त है। इसे बारीक- बारीक काटकर तथा कूटकर 200ml पानी में उबालना है, इसमें काली मिर्च और अदरक भी डाली जा सकती है। जब 50ml बच जाए तो उसे उतार लेना है। इसे सुबह खाली पेट पीना चाहिए, इसके बाद 1 घंटे तक कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। ऐसा 7 से 15 दिनों तक किया जा सकता है।
यदि ताजा गिलोय उपलब्ध नहीं है, तो गिलोय की सूखी हुई बेल भी प्रयोग में लाई जा सकती है, लेकिन प्रयोग में लाने से पहले उसे 4 से 5 घंटे पानी में भीगा देना चाहिए।


आयुर्वेदिक काढ़ा 

यह आयुर्वेदिक काढ़ा हम चाय के विकल्प के रूप में अगर रोजाना प्रयोग में लाएं तो हम अनेक बीमारियों से बचने के साथ-साथ एक अच्छी इम्यूनिटी भी प्राप्त कर सकते हैं। सर्दी- जुकाम, खांसी, बुखार जैसी छोटी-छोटी आम बीमारियों में यह आयुर्वेदिक काढ़ा हमें काफी हद तक आराम पहुंचाता है।

आयुर्वेदिक काढ़ा बनाने की विधि

अदरक, काली मिर्च, तेज पत्र, अजवाइन, हल्दी, तुलसी के पत्ते, पुदीना के पत्ते आदि को व्यक्ति के हिसाब से सही मात्रा में लेकर अच्छी तरह कूट लेना है।(एक व्यक्ति के लिए 1 इंच अदरक का टुकड़ा, 5 से 6 काली मिर्च, दो तेज पत्र, आधा चम्मच अजवाइन, एक चुटकी हल्दी, 4 से 5 तुलसी  अथवा पुदीना के पत्ते, 100ml पानी पर्याप्त है।)  इन सभी चीजों को पानी में उबाल लेना है, आधा बच जाने पर छानकर प्रयोग में लाना है, मिठास के लिए गुड़ अथवा शहद का प्रयोग किया जा सकता है।
यह आयुर्वेदिक काढ़ा सुबह- शाम दोनों समय खाली पेट प्रयोग में लाया जा सकता है।
हमारा शरीर प्रकृति ने बनाया है तथा इसे सुरक्षित रखने के लिए प्रकृति ने ही उन प्राकृतिक चीजों को भी बनाया है, जिन्हें खाकर अथवा पीकर हम स्वस्थ रह सकते हैं। प्राकृतिक चीजों से बना काढ़ा निश्चित ही हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाता है। यदि हमारी इम्यूनिटी अच्छी है, तो कोरोना ही नहीं, इसके अतिरिक्त अन्य बीमारियों से भी हम आसानी से बच सकते हैं।

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