आई बसंत ऋतु सुहावनी

 (इस कविता में वसंत ऋतु की सुंदरता का वर्णन किया गया है, तथा इस ऋतु के कारण आने वाले जीवन में बदलाव को दर्शाया गया है।)

आई बसंत ऋतु सुहावनी-हिंदी कविता


ठिठुरते ठंड से हमें बचाने
आई बसंत ऋतु सुहावनी।
जीवन की निराशा को दूर भगाने
आई बसंत ऋतु सुहावनी।

देखो  खेतों  में  कैसे  सरसो   लहलहाए,
बसंत ऋतु के स्वागत को,
जैसे ये कोई गीत गुनगुनाए।
और बसंती हवा, इसके सुर में सुर मिलाए।




बसंत ऋतु का सुहावना दृश्य



अमवारी में कोयल  की  किलकारी मन को भाए,
मुरझाए जीवन में  मानो,  नई  ताजगी    लाए।
सुस्त पड़े, सोए  मन को  जैसे  झकझोर  जगाए।
दुख के बाद खुशियां भी आती हैं, हमें यही समझाए।



बसंत ऋतु है मौसम, हंसने और गुनगुनाने का
गुलाल लगाकर,  सबको अपना  बनाने  का।
खुशियों के रंग में रंगकर,  होली  मनाने का।
गिले-शिकवे सब भूलकर, जीवन को सजाने का।


मासूम चेहरों पर मुस्कुराहट लाई,
बसंत ऋतु सुहावनी।
मौसम में गर्माहट लाई
बसंत ऋतु सुहावनी।



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