सड़क सुरक्षा नियम

 (इस आर्टिकल में कुछ सड़क सुरक्षा नियमों के बारे जानकारी दी गई है, जिसका पालन करना सभी के लिए जरूरी है।

सड़क सुरक्षा नियम

सड़क सुरक्षा नियम वे नियम हैं, जिनका पालन सड़क पर चलने वाले या वाहन चलाने वाले हर व्यक्ति को सावधानी एवं विवेक के साथ प्रयोग में लाना चाहिए। यदि इन नियमों का सही सही पालन हर कोई करे, तो दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है। आज भारत में प्रतिवर्ष लगभग1.5 लाख से अधिक लोगों की वाहन दुर्घटना द्वारा मृत्यु हो जाती है, जो कि एक चौका देने वाला आंकड़ा है। अतः हमें ना सिर्फ उन नयमों का जानना जरूरी है, बल्कि उनका पालन करना भी उतना ही  ज़्यादा जरूरी है।

वाहन चलाने से पहले अथवा चलाते समय नशे का सेवन नहीं करना चाहिए-

शराब पीकर गाड़ी चलाना कानूनन अपराध है, जिसके लिए चालान एवं सजा का भी प्रावधान है। इसके बावजूद अधिकांश लोग शराब पीकर वाहन चलाते हैं, एवं दुर्घटना का शिकार बनते हैं तथा अन्य लोगों के लिए भी खतरा उत्पन्न कर देते हैं।
लोगों में यह भ्रांति भी है, कि शराब या किसी प्रकार का नशा करने से एनर्जी लेवल बढ़ जाता है, लेकिन सच तो यह है, कि इससे होने वाली दुर्घटनाएं भी बढ़ जाती हैं।
शराब के अलावा यदि वाहन चलाते वक्त बीड़ी, सिगरेट आदि का सेवन किया जाए, तो इससे वाहन में आग लगने का खतरा बना रहता है। अतः हमें वाहन चलाते समय किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए, और यदि नशीली चीजों का सेवन किया हो, तो जब तक नशा उतर न जाए, तब तक वाहन चलाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।


वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात नहीं करना चाहिए-

वाहन चलाते समय हमारी सभी ज्ञानेंद्रियां जागरूक होनी चाहिए, जबकि फोन पर बात करते समय हमारा ध्यान भटक जाता है। वाहन चलाते समय मस्तिष्क को सोच समझकर निर्णय लेना होता है, जैसे-कब ब्रेक दबाना है, कब गियर दबाना है और कब वाहन को दाएं बाएं घुमाना है। मस्तिष्क का लिया हुआ एक गलत निर्णय दुर्घटना को अंजाम दे सकता है। अतः हमारा मस्तिष्क वाहन चलाने पर पूर्ण रुप से एकाग्र हो, इसलिए हमें मोबाइल पर वाहन चलाते समय बात नहीं करनी चाहिए। यदि इतना आवश्यक है, तो अपने वाहन को रोककर तब मोबाइल पर बात करनी चाहिए, चलाते समय नहीं।


हेलमेट एवं सीट बेल्ट आदि का प्रयोग करना चाहिए-

यदि हम बाइक चला रहे हैं, तो हमें हेलमेट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए, केवल चालान से बचने के लिए नहीं, बल्कि अपने जीवन को बचाने के लिए। हेलमेट हमारे सिर को चोटिल होने से बचाता है, क्योंकि सिर पर चोट लगने के कारण अधिकांशत: बचने के चांस बहुत कम हो जाते हैं, कभी-कभी तो नहीं के बराबर। इसलिए अपनी हेयर स्टाइल और गर्मी को इग्नोर करके हेलमेट का प्रयोग बाइक चलाते समय जरूर करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त यदि कार, बस आदि वाहनों को चालित कर रहे हैं, तो सीट बेल्ट का प्रयोग सिर्फ आगे की सीट पर ही नहीं, बल्कि पीछे की सीट पर भी करना चाहिए।

नींद आने अथवा थके होने पर वाहन नहीं चलाना चाहिए-

यदि हम बहुत थके हुए हैं, अथवा किसी कारणवश हमें नींद आ रही हो, ऐसे समय में हमें वाहन चलाने से परहेज करना चाहिए। अन्यथा यदि वाहन चलाते समय सड़क पर थोड़ी देर के लिए भी पलक झपकी तो यह किसी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
इसलिए चाहे कितना भी आवश्यक काम क्यों ना हो, ऐसे समय में हमें थोड़ा सा आराम कर लेना चाहिए, उसके बाद ही वाहन चलाना चाहिए।

सड़क पर पैदल चलने वालों के बारे में भी सोचना चाहिए-

चाहे हमें कितनी ही जल्दी क्यों ना हो, अपना वाहन हमें अधिक रेस में नहीं चलाना चाहिए, क्योंकि सड़क पर पैदल चलने वाले भी होते हैं, जोक हमारी छोटी सी गलती से बिना वजह किसी दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।

सड़क निर्देशों का पालन-

सड़क पर वाहन वाहन चलाते समय अथवा पैदल चलते समय भी हमें सड़क पर दिए गए निर्देशों का पालन अवश्य करना चाहिए। जैसे -ट्रैफिक सिग्नल, दाएं- बाएं, जेबरा क्रॉसिंग, रेलवे-क्रॉसिंग आदि निर्देशों का पालन हमें दुर्घटनाओं से काफी हद तक बचा सकता है।


सड़क पर अपने विवेक का सही प्रयोग-

सड़क पर चलते समय अथवा वाहन में यदि हम कुछ भी खाते हैं खासकर की केले आदि, तो उसका छिलका हम रोड पर ही फेंकते हैं, बिना इस बात को सोचे, कि यह दूसरों के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है। इसके अलावा जब भी सड़क पर से हमें कोई भूमिगत पाइप ले जानी होती है, तो बिना कुछ सोचे- समझे हम उस पर गड्ढे बना देते हैं, बाद में उसकी रिपेयरिंग भी नहीं हो पाती, यह भी अधिकांश  दुर्घटनाओं का कारण बनता है।
सड़क सबके लिए है, तो सभी को उसकी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इससे हमारा जीवन भी सुरक्षित रहेगा।

पैदल चलने वालों को भी ध्यान रखना चाहिए-

अक्सर सड़क दुर्घटनाएं सड़क पर पैदल चल रहे लोगों के असावधानियों के कारण भी होती हैं। अतः पैदल चलने वाले लोगों को भी सड़क के किनारे चलने का तथा सड़क पार करने की उचित विधियों का ज्ञान होना चाहिए एवं उन पर अमल भी किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष

इन सभी नियमों का यदि हर कोई सावधानी से पालन करे, तो सड़क दुर्घटनाओं में कुछ हद तक कमी लाई जा सकती है।
लेकिन इसके अतिरिक्त कुछ अन्य कारण भी हैं, जो सड़क दुर्घटनाओं को अंजाम देते हैं। एक अच्छे नागरिक का कर्तव्य निभाते हुए हमें उन कारणों को भी ठीक करना होगा।
जब भी सड़क का निर्माण होता है, तो वहां कुछ कमियां रह जाती हैं, जिनके कारण जल्दी ही वह सड़क गड्ढों से भर जाती है, यह गड्ढे पहुंची दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। सरकार को इसका जिम्मेदार बताने से पहले हमारा भी यह कर्तव्य है, कि संगठित होकर ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए सड़कों की मरम्मत या तो प्रशासन द्वारा या स्वयं ही किसी तरीके से करवाएं।

यदि हम स्वेच्छा और सूझबूझ से इन सभी सड़क नियमों का पालन करेंगे, तो निश्चित ही हम एक अच्छे नागरिक का कर्तव्य निभाएंगे और अपने साथ साथ अन्य लोगों की भी सुरक्षा कर पाएंगे।










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